Sunday, November 11, 2012

चलो छुट्टी मिली!

तो भाई और उनकी बहेनो! कैसे हैं आप लोग? मेरा? ओह! मेरा तो लगातार तीन दिन से चमत्कार हो रहा था. फिलहाल अब जा के मुक्ति मिली है.  So feel good.  पर मंगलवार यानी ६ तारीख को मेरा एक बार फिर बंद बजने वाला है. कोई बात नही मामू है न. सब की नया पार लगा देगा. तो ये तीन दिन की दुःख भरी दास्तान मेरी ही जुबानी. तो ये बात है ३० अक्तूबर की रात की जब मैं पढ़ाई में मन लगाने की कोशिश कर रहा था. पर कर नही पा रहा था. मेरे साथ ये problem है कि मैं  अपने पुस्तकों पे ध्यान नही दे पाता हूं क्यूंकि मेरा सारा ध्यान मेरे ध्यान लगाने कि कोशिश में निकल जाता है. तो time  बचता नही है. और रह जाती है धरी की धरी सारी तैयारी. हाय, बेचारा आदित्य, कहीं का नही रहा. :(
  ओह. मई तो अपनी कहानी सुना रहा था. Sorry! तो उस शाम से ही मैं  लग गया ध्यान लगाने की कोशिश में और रात २ बजे तक जद्दोजहद करने के बौजूद भी मैं  असफल ही रहा. और मेरी असफलता का कारण ये मेरा लैपटॉप और फसबूक कह सकते हैं. मैं इनसे भी दूर नही जा सकता और अपनी पढाई से भी नही. तो मुझे कोई Ultimate समाधान बताये की मई अपने पढाई पे ध्यान किस एदूं जब मेरा ध्यान पढाई में लग नही रहा है. !!!!
ईश्वर मुझे सम्भालो!!

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